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महादेवी वर्मा की लोकप्रिय पुस्तक – मेरा परिवार। महादेवी वर्मा का पशु-प्रेम जग-जाहिर है। इस पुस्तक में महादेवी जी ने उत्कृष्ट कहानियों का संकलन किया है। यह सभी कहानियाँ वन्य जीवन पर आधारित है। |
महादेवी वर्मा एक सफल रेखाचित्रकार, कवयित्री, और विचारक है। उन्होंने कई रेखाचित्र लिखें हैं जिनमें नीलकंठ मोर, घीसा, सोना, गौरा आदि काफ़ी प्रसिद्ध हैं। मानव एक श्रेष्ठ प्राणी होने पर भी पशुओं के प्रति उसका व्यवहार सराहनीय नहीं हैं। उनके द्वारा रचित सोना और गौरा नामक रेखाचित्र में मानव के निष्ठुर व्यवहार पर महादेवी वर्मा ने प्रकाश डाला हैं। पशु-पक्षी भी प्रेम के लिए ललायित रहते हैं और प्रेम दिखाने पर आनंदविभोर हो उठते हैं। बेजुबान होने पर भी स्नेह के कई मूक प्रर्दशन होते हैं। अपने असीम आनंद की अभिव्यक्ति सुंदर आँखों के भाव से प्रकट करते हैं। परन्तु मानव अपने स्वार्थ के कारण इन बेजुबान जानवरों पर इतना अत्याचार और निर्दय व्यवहार करता है और उन पर कितना जुल्म करता है इसका कोई अंत नहीं। मानव द्वारा इतनी यातना सह कर भी पशु मानव के स्वभाव से अब तक अनजाना है। मानव का यह स्वार्थ अंत में वेदना का कार्य और कारण बन जाता है, इसी बात पर प्रकाश डालना ही महादेवी वर्मा का मुख्य ध्येय है
good
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत आभार इस आलेख के लिए.
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आपका
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