Sunday, 31 July 2011

चरक (विकीपीड़िया से)

चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं। वे कुषाण राज्य के राजवैद्य थे। इनके द्वारा रचित चरक संहिता एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रन्थ है। इसमें रोगनाशक एवं रोगनिरोधक दवाओं का उल्लेख है तथा सोना, चाँदी, लोहा, पारा आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का वर्णन मिलता है। आचार्य चरक ने आचार्य अग्निवेश के अग्निवेशतन्त्र मे कुछ स्थान तथा अध्याय जोड्कर उसे नया रूप दिया जिसे आज हम चरक संहिता के नाम से जानते है।
चरकसंहिता आयुर्वेद में प्रसिद्ध है। इसके उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश और प्रतिसंस्कारक चरक हैं।
प्राचीन वाङ्‌मय के परिशीलन से ज्ञात होता है कि उन दिनों ग्रंथ या तंत्र की रचना शाखा के नाम से होती थी। जैसे कठ शाखा में कठोपनिषद् बनी। शाखाएँ या चरण उन दिनों के विद्यापीठ थे, जहाँ अनेक विषयों का अध्ययन होता था। अत: संभव है, चरकसंहिता का प्रतिसंस्कार चरक शाखा में हुआ हो।
चरकसंहिता में पालि साहित्य के कुछ शब्द मिलते हैं, जैसे अवक्रांति, जेंताक (जंताक - विनयपिटक), भंगोदन, खुड्डाक, भूतधात्री (निद्रा के लिये)। इससे चरकसंहिता का उपदेशकाल उपनिषदों के बाद और बुद्ध के पूर्व निश्चित होता है। इसका प्रतिसंस्कार कनिष्क के समय 78 ई. के लगभग हुआ।
त्रिपिटक के चीनी अनुवाद में कनिष्क के राजवैद्य के रूप में चरक का उल्लेख है। किंतु कनिष्क बौद्ध था और उसका कवि अश्वघोष भी बौद्ध था, पर चरक संहिता में बुद्धमत का जोरदार खंडन मिलता है। अत: चरक और कनिष्क का संबंध संदिग्ध ही नहीं असंभव जान पड़ता है। पर्याप्त प्रमाणों के अभाव में मत स्थिर करना कठिन है।

Wednesday, 27 July 2011

डॉक्टरों की लापरवाही-एक रपट

पढ़ें,हसें,सोचें

This cartoon is using only for educational purpose
Thanks to cartoonpanna.blogspot.com

Tuesday, 26 July 2011

गौरा का चित्र-भाष्य

कण्णूर से लक्षमणनजी एक बार फिर...

Monday, 25 July 2011

चिड़या को पकडो २

स्रोत पुस्तिका में चिड़िया कविता केलिए सहायक सामग्री के रूप में दूरदर्शन द्वारा निर्मित ह्रस्व चित्र की सूचना दी है। पर इसकी कोई अधिक जानकारी तो नहीं थी।बहुत खोजा। बहुत सोचा। तब याद आयी सी.डिट.से निर्मित यह अनिमेशन चित्र के बारे में...घंटों के परिश्रम के बाद सी.डी.बोक्स से उसे ढूँढ़ निकाला...
अब देखें,जंगलों के कटाए जाने पर अकेली,बेघर चिडिया की कहानी....
सौजन्य :सी.डिट

Saturday, 16 July 2011

चिडिया-एक अलग दृष्टिकोण

 हमारे ब्लोग टीम के सदस्य श्री.अशोककुमारजी ने अब अपना खामेश छोड़ दिया है। आपकी यह अनुपम प्रस्तुति पढ़ें और बताएँ उनका प्रयास कहाँ तक सफल हुआ है?कृपया जोड़िए एक टिप्पणी...


इसका odt,pdf रूप डौनलोड़ पन्ने में उपलब्ध है।

Monday, 11 July 2011

वार्तालाप -एक प्रयास ऐ.सी.टी के साथ

यह तो सदानन्दपुरम हाइस्कूल के हिंदी मंच और ऐ.टी.क्लब के सदस्यों के संयुक्त प्रयास का उपज है।इसकी संशोधन की आवश्यकता है ज़रूर। आप से हम विनती करते हैं कि  इस उपज पर आपकी टिप्पणी जोड़कर इसे बहतर बनाने में सहायता दें। चर्चा के बाद इसका presentation / PDF रूप प्रकाशित कर सकते हैं


Friday, 8 July 2011

कण्णूर से ...4 (लक्षमणजी का एक सराहनीय प्रयास !)


 
कण्णूर जिले के सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कुञ्ञिमंगलम के हिंदी अध्यापक लक्ष्मणन जी के मन में नदी और साबुन कविता के संबंध में जो संदेह उठा वह कवि ज्ञानेन्द्रपति के नाम एक पत्र लिखने का निदान बन गया। कवि तो जिज्ञासु अध्यापक के शंका समाधान में अतीव तत्पर थे। उन्होंने तुरंत जवाब भेजा। वह पत्र केरल के हाई स्कूल हिंदी अध्यापकों की सहायता के लिए हम गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। लक्ष्मणन जी का प्रयास बिलकुल सराहनीय है। बधाइयाँ लक्ष्मणन जी।
पत्र पढ़ने के पत्र पर दो बार (डबिल क्लिक नहीं) क्लिक करें।

ज्ञानेन्द्रपतिजी का पत्र आप यहाँ से डौनलोड कर सकते हैं


Monday, 4 July 2011

कन्नूर से ....3



Saturday, 2 July 2011

कन्नूर से ....2