Friday, 8 July 2011

कण्णूर से ...4 (लक्षमणजी का एक सराहनीय प्रयास !)


 
कण्णूर जिले के सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कुञ्ञिमंगलम के हिंदी अध्यापक लक्ष्मणन जी के मन में नदी और साबुन कविता के संबंध में जो संदेह उठा वह कवि ज्ञानेन्द्रपति के नाम एक पत्र लिखने का निदान बन गया। कवि तो जिज्ञासु अध्यापक के शंका समाधान में अतीव तत्पर थे। उन्होंने तुरंत जवाब भेजा। वह पत्र केरल के हाई स्कूल हिंदी अध्यापकों की सहायता के लिए हम गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। लक्ष्मणन जी का प्रयास बिलकुल सराहनीय है। बधाइयाँ लक्ष्मणन जी।
पत्र पढ़ने के पत्र पर दो बार (डबिल क्लिक नहीं) क्लिक करें।

ज्ञानेन्द्रपतिजी का पत्र आप यहाँ से डौनलोड कर सकते हैं


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