Wednesday, 28 September 2011
Sunday, 25 September 2011
Monday, 19 September 2011
विराम-चिह्न |
विराम का अर्थ है - रुकना,ठहरना।अपने विचारों या बात को ठीक ढंक से प्रकट करने केलिए पढ़ते लिखते समय हमें कुछ समय रुकना पड़ता है। इस प्रकार के रुकने को विराम कहते हैं।
अधिक पढ़ेंSunday, 18 September 2011
विस्मयादिबोधक अव्यय (interjections) |
जिन शब्दों से शोक ,विस्मय ,घृणा ,आश्चर्य आदि भाव व्यक्त हों ,उन्हें विस्मयादि बोधक अव्यय कहा जाता है । जैसे - अरे ! तुम कब आ गए ,बाप रे बाप ! इतनी तेज आंधी ! वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया आदि ।
विस्मयादि बोधक अव्यय का प्रयोग सदा वाक्य के आरम्भ में होता है । इनके साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह ! अवश्य लगाया जाता है .
मन के विभिन्न भावों के आधार पर विस्मयादिबोधक अव्यय के निम्नलिखित प्रमुख भेद है :-
Wednesday, 14 September 2011
इनाज के क्षेत्र में बढ़ती व्यवसायिकता |
आजकल
इनाज के क्षेत्र में बढ़ती
व्यवसायिकता से समाज काफी
आहत हैं। पुराने दिनों में
हर फील्ड के लोग रुपए कमाने
की अंधी दौड़ में शामिल होते
थे,
लेकिन
डॉक्टरी पेशा इससे अछूता था।
इसलिए डॉक्टरों को काफी सम्मान
मिलता था। वर्तमान में स्थिति
कुछ और ही है।
डॉक्टर होना सिर्फ एक काम नहीं है, बल्कि चुनौतीपूर्ण वचनबद्धता है। वर्तमान में डॉक्टर पुराने सम्मान को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करता हुआ नजर आ रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं। डॉक्टरों को अपनी जवाबदारियों का पालन ईमानदारी से करना सीखना होगा। डॉक्टरों की एक छोटी-सी भूल भी रोगी की जान ले सकती है।
डॉक्टर होना सिर्फ एक काम नहीं है, बल्कि चुनौतीपूर्ण वचनबद्धता है। वर्तमान में डॉक्टर पुराने सम्मान को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करता हुआ नजर आ रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं। डॉक्टरों को अपनी जवाबदारियों का पालन ईमानदारी से करना सीखना होगा। डॉक्टरों की एक छोटी-सी भूल भी रोगी की जान ले सकती है।
Thursday, 1 September 2011
फिन्मी समीक्षा |
फिलमी समीक्षा सिखाने केलिए दो सामग्रियाँ
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