मैं विराम-चिह्न हूँ। कुछ विद्वान मुझे विराम चिन्ह या विराम भी बोलते हैं लेकिन मुझे कोई आपत्ति नहीं है। हाँ, एक बात मैं बता दूँ; मेरी कोशिश रहती है कि लिखित वाक्यों आदि में मैं किसी न किसी रूप में उपस्थित रहूँ । मैं अपने मुँह मियाँ मिट्ठू नहीं बन रहा पर एक दिन मेरे गुरुजी बता रहे थे कि....
പുതുമയുണ്ട്.keep it up.
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