Thursday, 20 October 2011

मनुष्यता कविता का अनुवाद

मलप्पुरम जिला के तिरूर - परवण्णा जी.वी.एच.एस.एस के हिंदी अद्यापक श्री. फ्रान्सी जी ने दसवीं कक्षा की मनुष्यता कविता का अनुवाद करने की कोशिश की हैं। आपको  हिंदीसभा की ओर से बधाईयाँ। 

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