Friday, 28 October 2011

दूधो नहाओ...

दूधो नहाओ पर व्याख्या
पयारे हिंदी अध्यापक बंधुओ,
क्या आप लोगो ने इस संदर्भ पर ध्यान दिया है?
"गौरा प्रात: सायं बारह सेर के लगभग दूध देती थी, अत: लालमिण के लिए कई सेर
छोड देने पर भी इतना अधिक शेष रहता था कि आसपास के बालगोपाल से लेकर
कुत्ते-बिल्ली तक सब पर मानो 'दूधो  नहाओ' का आशीर्वाद फलित होने लगा।" (गौरा
पृ.सं. 13)
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