दूधो नहाओ पर व्याख्या
पयारे हिंदी अध्यापक बंधुओ,क्या आप लोगो ने इस संदर्भ पर ध्यान दिया है?
"गौरा प्रात: सायं बारह सेर के लगभग दूध देती थी, अत: लालमिण के लिए कई सेर
छोड देने पर भी इतना अधिक शेष रहता था कि आसपास के बालगोपाल से लेकर
कुत्ते-बिल्ली तक सब पर मानो 'दूधो नहाओ' का आशीर्वाद फलित होने लगा।" (गौरापृ.सं. 13)
अधिक पढ़ें
0 comments:
Post a Comment